क्या भारत का PM ईसाई या मुस्लिम हो सकता है?…सुनक का जिक्र कर BJP पर बरसे थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि क्या हमारे देश में मुस्लिम या ईसाई प्रधानमंत्री हो सकता है? ऋषि सुनक का ब्रिटेन का पीएम बनना गर्व की बात है।

क्या भारत का PM ईसाई या मुस्लिम हो सकता है?…सुनक का जिक्र कर BJP पर बरसे थरूर
शशि थरूर ने उठाए बीजेपी पर सवाल

कांग्रेस नेता शशि थरूर अपने उस बयान पर कायम हैं जो उन्होंने ऋषि सुनक के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद दिया था। थरूर ने कहा कि क्या मुस्लिम या ईसाई देश का पीएम हो सकता है? हमारे यहां असली ताकत पीएम के पास होती है, बीजेपी ने इसीलिए 2004 में सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री बनने का विरोध किया था। टीवी 9 भारतवर्ष से खास बातचीत में कांग्रेस नेता कि कहा कि ऋषि सुनक का ब्रिटेन का पीएम बनना गर्व की बात है।

उन्होंने आगे कहा कि जो देश धर्मनिरपेक्ष भी नहीं है, जहां 90 फीसद ईसाई हैं, जहां गोरों का बोलबाला है। उनका सुनक को स्वीकारना बड़ी बात है। क्या हमारे यहां ऐसा संभव है? जो हिंदुत्ववादी इस पर गर्व कर रहे हैं, उनसे मेरा ये सवाल है। सुनक 2015 में पहली बार सांसद बने, 2020 में मंत्री और 7 साल में पीएम और हमारे यहां 13 साल बाद एक राज्य मंत्री बनना ही उपलब्धि है।

2004 में बीजेपी ने किया था सोनिया का विरोध: थरूर
मनमोहन के प्रधानमंत्री और मुस्लिमों के राष्ट्रपति होने के सवाल पर थरूर ने कहा कि हिंदुत्ववादी और बीजेपी वाले मानते हैं कि जैन और सिख तो हिंदुओं का ही हिस्सा हैं। बाहर से आने वाले मुस्लिम और ईसाई असल मे अलग हैं। मतलब वो ही असल मे अल्पसंख्यक हैं। क्या हमारे देश मे ईसाई या अल्पसंख्यक को वो पीएम मानेंगे? मुझे संदेह है। बीजेपी नेताओं ने ही 2004 में सोनिया गांधी के पीएम बनने का विरोध किया था। सिर मुंडाकर संसद में धरने का ऐलान किया था, जबकि वो तो अपने धर्म की खुलकर प्रैक्टिस भी नहीं करतीं। सुनक तो खुलकर हिंदू धर्म की प्रैक्टिस करते हैं, त्योहार मनाते भी दिखते हैं।

वो आगे कहते हैं कि मेरी पार्टी मेरे बयान से अलग राय रख सकती है क्योंकि मैं पार्टी प्रवक्ता नहीं हूं। ये मेरे अपने विचार हैं जिन पर मैं कायम हूं। बाकी बीजेपी वालों को कहने दीजिए उनके सवाल का जवाब मैंने आपको दे दिया है।

थरूर ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा था कि अगर ऐसा होता है, तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि एक अल्पसंख्यक को सबसे शक्तिशाली पद पर आसीन कर ब्रिटेनवासियों ने दुनिया में बहुत दुर्लभ काम किया है। हम भारतीय सुनक की इस उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं तो आइए ईमानदारी से पूछें कि क्या यहां यह हो सकता है?

भारत में उच्च पदों पर रहे अल्पसंख्यक

  • मनमोहन सिंह (10 साल प्रधानमंत्री रहे)
  • एपीजे अब्दुल कलाम (2002 से 2007 तक राष्ट्रपति)
  • मुहम्मद हिदायतुल्लाह (भारत के पहले मुस्लिम मुख्य न्यायाधीश 25 फरवरी 1968 से 16 दिसंबर 1970 तक)
  • हामिद अंसारी (2007 से 2017 तक उपराष्ट्रपति)
  • फकरुद्दीन अली अहमद (1974 से 1977 तक राष्ट्रपति)
  • डॉ जाकिर हुसैन (1968 से 1970 तक राष्ट्रपति)
  • जैल सिंह (1982 से 1987 तक राष्ट्रपति)