BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल बढ़ाने को SC की हरी झंडी
अब पदाधिकारियों के पास BCCI और किसी राज्य एसोसिएशन में एक बार में अधिकतम 12 साल का कार्यकाल हो सकता है।

नई दिल्ली: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में प्रस्तावित परिवर्तनों को स्वीकार कर लिया, जो वर्तमान अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को उनके कार्यकाल के विस्तार की अनुमति देगा। गांगुली और शाह दोनों का पहला कार्यकाल इस महीने की शुरुआत में बीसीसीआई के संविधान में 'कूलिंग ऑफ पीरियड' क्लॉज के कारण खत्म हो गया था।
अब BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल बढ़ाने को SC ने हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब BCCI में लगातार दो बार यानी 6 साल तक पद पर बने रहने पर तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड होगा। अब पदाधिकारियों के पास BCCI और किसी राज्य एसोसिएशन में एक बार में अधिकतम 12 साल का कार्यकाल हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में BCCI के अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह के कार्यकाल को बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसले के बाद अब अब BCCI में लगातार दो बार यानी 6 साल तक पद पर बने रहने पर तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड होगा। अब पदाधिकारियों के पास BCCI और किसी राज्य एसोसिएशन में एक बार में अधिकतम 12 साल का कार्यकाल हो सकता है
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में सुनवाई हुई। बीसीसीआई ने अर्जी दाखिल कर मांग की थी कि इसके नए संविधान में संशोधन की इजाजत दी जाए ताकि इसके प्रशासकों को तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड के प्रावधान को खत्म किया जाए। अदालतों के पहले के आदेशों के अनुसार, संविधान में कुछ संशोधन किए गए थे। ये स्वायत्त निकाय हैं और एजीएम में निर्धारित कुछ निर्णय लिए जा सकते हैं ।
- बीसीसीआई के संविधान में क्या बदलाव किए गए हैं
- बीसीसीआई और राज्य संघ का अलग-अलग संविधान है लेकिन इंटरेस्ट एक है यानी क्रिकेट
मेहता-: तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि तभी शुरू होनी चाहिए जब बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिव दो कार्यकाल (3 + 3 वर्ष) पूरे करें
राज्य एसोसिएशनों में कार्यकाल की गणना नहीं की जानी चाहिए
- केवल BCCI में कार्यकाल की गणना की जानी चाहिए